Sunday, December 1, 2013



                           Mars in the house of Mercury


                                         कन्या में मंगल के गोचर का मिथुन राशि पर प्रभाव

भूमि पुत्र मंगल 26 नवम्बर को शाम तीन बजे अपने मित्र राशि सिंह से शत्रु राशि कन्या में प्रवेश कर गया। यहां पर मंगल चार फरवरी 2014 तक रहेगा। मिथुन राशि में मंगल छठें आैर ग्यारहवें भाव का स्वामी होता है। इस राशि से गोचर में मंगल चौथे भाव में है। यह परिवर्तन मिथुन राशि के जातकों की परेशानियों में वृद्धि करेगा। मंगल भूमि, भवन, ऋण, न्यायालीय विवाद का कारक ग्रह है, इसलिए यह भूमि एवं न्यायालय से संबंधित मामलों में भी हानि पहुंचा सकता है। मंगल शारीरिक कष्ट, मानहानि आैर दाम्पत्य जीवन में तनाव भी उत्पन्न कर सकता है, इसलिए इस अवधि में मिथुन राशि के जातक जीवन साथी के साथ तालमेल बनाकर रखें आैर पारिवारिक मामलों में भी संयम से काम लें। 
मिथुन राशि के जातकों को विशेष रूप से पी, वी, ओ, यू, आई आैर एन नाम के लोगों व कंपनियों से सावधान तथा सतर्क रहना चाहिए। इस राशि के जातक वाद विवाद से भी दूर रहें अन्यथा उन्हें हानि हो सकती है। शनि आैर राहू भी इन दिनों तुला राशि में हैं जो मंगल से द्विद्र्वादश संबंध बना रहे हैं, यह स्थित भी शुभ फलदायी नहीं है। मिथुन राशि में ही इस समय देव गुरु बृहस्पति भी हैं आैर बृहस्पति से मंगल की स्थित भी चौथे स्थान पर है। दैत्य गुरु शुक्र भी अपनी शत्रु राशि धनु में गोचर कर रहे हैं। वह भी मंगल से चौथे स्थान पर हैं। बृहस्पति आैर शुक्र दोनों सम सप्तक योग बनाए हुए हैं। बृहस्पति आैर शुक्र दोनों ही ब्रााह्मण हैं इसलिए मंगल का कन्या राशि में आने व दोनों गुरुओं का सम सप्तक संबंध होने से अचानक लाभ व अचानक हानि के योग बनेंगे। मिथुन राशि के जातकों को चाहिए कि वे अचानक लाभ के लिए योग्य व विद्वान गुरु  के संपर्क में रहें आैर उनका आर्शीवाद लें। गुरु से सलाह लेकर काम करना मिथुन राशि के जातकों के लिए लाभदायक साबित होगा। इस दौरान आस्तिक होना अति आवश्यक है। मिथुन राशि के जातकों को चाहिए कि वे मंगल के दुष्प्रभाव से बचने के लिए हनुमान जी की उपासना व उनके मंत्रों का जप करें।

To Know more about this transit, Kindly comment in the box and i shall revert back to you with best of my knowledge. 

Jai Bajrang Bali




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